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12th Fail Book Review: एक प्रेरणादायक कहानी जो बदल देगी आपका नजरिया

12th Fail Book Review: एक प्रेरणादायक कहानी जो बदल देगी आपका नजरिया

12th Fail Book Review: एक प्रेरणादायक कहानी जो बदल देगी आपका नजरिया

हिन्दी साहित्य में कुछ किताबें ऐसी होती हैं जो न केवल मनोरंजन करती हैं, बल्कि जीवन को एक नया दृष्टिकोण भी देती हैं। ऐसी ही एक किताब है ट्वेल्थ फेल (12th Fail), जिसने पाठकों के दिलों में अपनी खास जगह बनाई है। इस 12th Fail Book Review में हम इस किताब के हर पहलू को विस्तार से जानेंगे – इसे किसने लिखा, यह किसके जीवन पर आधारित है, इसकी कहानी क्या है, इसे क्यों पढ़ना चाहिए, और ऑनलाइन इसका फीडबैक कैसा रहा। तो चलिए, इस प्रेरणादायक यात्रा में शामिल होते हैं!

किताब का परिचय और लेखक

ट्वेल्थ फेल को अनुराग पाठक ने लिखा है, जो इंदौर के एक प्रसिद्ध लेखक हैं। 5 अगस्त 1976 को ग्वालियर में जन्मे अनुराग ने हिंदी साहित्य में पीएचडी की है। उनकी पहली किताब व्हाट्सएप पर क्रांति (2016) एक कहानी संग्रह थी, लेकिन ट्वेल्थ फेल ने उन्हें व्यापक पहचान दिलाई। यह किताब 2019 में प्रकाशित हुई और बाद में 2023 में विधु विनोद चोपड़ा द्वारा इसी नाम से एक फिल्म भी बनाई गई, जिसने इसकी लोकप्रियता को और बढ़ाया।

यह किताब IPS अधिकारी मनोज कुमार शर्मा के जीवन पर आधारित है, जिन्होंने अत्यधिक गरीबी और बारहवीं कक्षा में फेल होने के बावजूद अपने सपनों को हकीकत में बदला। अनुराग, जो मनोज के करीबी दोस्त हैं, ने उनकी इस प्रेरणादायक कहानी को शब्दों में पिरोया है।

कहानी का सार

12th Fail Book Review में कहानी का जिक्र किए बिना बात अधूरी रहेगी। यह किताब मध्य प्रदेश के चंबल क्षेत्र के एक छोटे से गांव बिलग्राम से शुरू होती है, जहां मनोज कुमार शर्मा का जन्म एक गरीब परिवार में हुआ। चंबल, जो कभी डकैतों का गढ़ था, वहां मनोज की जिंदगी आसान नहीं थी। उनके पिता एक ईमानदार क्लर्क थे, जिसके कारण परिवार को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा।

मनोज बारहवीं कक्षा में पहली बार फेल हो गए, लेकिन एक ईमानदार पुलिस अधिकारी की प्रेरणा से उन्होंने बिना नकल के दोबारा परीक्षा दी और तृतीय श्रेणी में पास हुए। इसके बाद, वे ग्वालियर कॉलेज गए, जहां उनकी मुलाकात श्रद्धा से हुई, जो बाद में उनकी प्रेरणा और जीवनसाथी बनीं। मनोज ने UPSC सिविल सेवा परीक्षा देने का फैसला किया और दिल्ली के मुखर्जी नगर पहुंचे, जो UPSC उम्मीदवारों का केंद्र है।

यहां मनोज को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा – आर्थिक तंगी, भूख, और सामाजिक दबाव। फिर भी, उन्होंने हार नहीं मानी। श्रद्धा के प्यार और समर्थन ने उनकी जिंदगी में नई ऊर्जा भरी। किताब का एक महत्वपूर्ण संदेश है – “हारा वही, जो लड़ा नहीं”। मनोज ने अपने अथक प्रयासों से UPSC परीक्षा पास की और IPS अधिकारी बने, जो अब मुंबई पुलिस में अतिरिक्त आयुक्त के रूप में कार्यरत हैं।

इस किताब को क्यों पढ़ें?

12th Fail Book Review में यह सवाल बेहद महत्वपूर्ण है कि आखिर यह किताब क्यों पढ़नी चाहिए? यहां कुछ कारण हैं:

  • प्रेरणा का स्रोत: यह किताब उन लोगों के लिए एक प्रेरणा है जो अपनी जिंदगी में असफलताओं का सामना कर रहे हैं। मनोज की कहानी सिखाती है कि असफलता अंत नहीं, बल्कि एक नई शुरुआत है।
  • प्यार की सकारात्मक शक्ति: किताब में मनोज और श्रद्धा का रिश्ता दर्शाता है कि सच्चा प्यार जीवन में प्रेरणा और समर्थन का स्रोत हो सकता है, न कि बाधा।
  • UPSC उम्मीदवारों के लिए मार्गदर्शन: यह किताब UPSC की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए एक यथार्थवादी चित्रण प्रस्तुत करती है, जिसमें उनकी मेहनत, संघर्ष, और कभी-कभी निराशा को दर्शाया गया है।
  • साधारण भाषा: अनुराग पाठक की लेखन शैली सरल और सहज है, जो हर वर्ग के पाठक को आकर्षित करती है। हिंदी में लिखी यह किताब स्थानीय भाषा और भावनाओं को खूबसूरती से पेश करती है।
  • जीवन के सबक: किताब में कई जीवन के सबक हैं, जैसे आलोचना को सकारात्मक रूप से लेना, लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करना, और कठिन परिस्थितियों में भी हिम्मत न हारना।

ऑनलाइन फीडबैक

12th Fail Book Review में ऑनलाइन फीडबैक का जिक्र करना जरूरी है। इस किताब को अमेजन, गुडरीड्स, और अन्य प्लेटफॉर्म्स पर सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है।

अमेजन: अमेजन पर इस किताब को 4.5/5 की रेटिंग मिली है। पाठकों ने इसे “प्रेरणादायक”, “हृदयस्पर्शी”, और “यथार्थवादी” बताया है। एक यूजर ने लिखा, “पहली बार हिंदी में कोई किताब पढ़ी और यह पूरी तरह संतुष्ट करने वाली थी।”

गुडरीड्स: गुडरीड्स पर 382 से अधिक रिव्यूज के साथ इसे 4.2/5 रेटिंग मिली है। पाठकों ने इसकी कहानी को “सिनेमाई” और “जीवन बदलने वाली” बताया, हालांकि कुछ ने लेखन को औसत माना।

सोशल मीडिया: X पर कई यूजर्स ने इस किताब और फिल्म की तारीफ की है। फिल्म की सफलता के बाद किताब की चर्चा और बढ़ गई। एक यूजर ने लिखा, “12th Fail किताब हर उस इंसान को पढ़नी चाहिए जो अपने सपनों को सच करना चाहता है।”

हालांकि, कुछ पाठकों ने किताब की संरचना को दोहराव वाला और लेखन को साधारण बताया। फिर भी, इसकी प्रेरणादायक कहानी ने इसे एक लोकप्रिय पसंद बनाया है।

निष्कर्ष

12th Fail Book Review के इस लेख में हमने देखा कि अनुराग पाठक की यह किताब केवल एक कहानी नहीं, बल्कि एक प्रेरणा का प्रतीक है। मनोज कुमार शर्मा की जिंदगी से प्रेरित यह किताब हमें सिखाती है कि मेहनत, लगन, और सच्चे प्यार के साथ कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं। चाहे आप UPSC की तैयारी कर रहे हों या जीवन में किसी और सपने को पूरा करना चाहते हों, यह किताब आपको प्रेरित करेगी।

इसकी सरल भाषा, यथार्थवादी चित्रण, और भावनात्मक गहराई इसे हर आयु वर्ग के लिए पढ़ने योग्य बनाती है। ऑनलाइन फीडबैक भी इसकी लोकप्रियता को दर्शाता है। अगर आप एक ऐसी किताब की तलाश में हैं जो आपको हिम्मत दे और आपके सपनों को उड़ान दे, तो ट्वेल्थ फेल जरूर पढ़ें।

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